आखीर क्यों मानते है KR-64 को कपास का सबसे अच्छा बीज, क्यों बढ रही है इतनी मांग

आखीर क्यों मानते है KR-64 को कपास का सबसे अच्छा बीज, क्यों बढ रही है इतनी मांग

Best Cotton Seeds 2023 KR-64: रबी फसलों की लावणी के साथ ही खरीफ फसलों की बिजाई की प्रक्रिया किसानों ने अभी से ही शुरू कर दी है. फिलहाल देशी कपास की बिजाई का समय शुरू हो चुका है. ऐसे में किसान अपने खाली हो चुके खेतों में कपास की बिजाई के लिए खेत को जोतकर उसमें सिंचाई कर दी है. लेकिन बिजाई के लिए बीज प्राप्त नही है. किसान फिलहाल के आर 64 देशी कपास के बीज की मांग कर रहे है. मार्केट में कपास का बीज न होने की वजह किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था . लेकिन लंबे समय के बाद सिरसा में कुछ बेग किसानों को मिले है .

आखीर क्यों मानते है KR-64 को कपास का सबसे अच्छा बीज, क्यों बढ रही है इतनी मांग

मार्केट में आए Best Cotton Seeds 2023 KR-64 के 1500-1600 बेग

किसानों ने देशी कपास की बुवाई करने के लिए पूरी तरह से तैयारिया कर ली थी. लेकिन बीज न मिलने की वजह से किसानों को सिचाई किए हुए खेतों को सुखाना पड़ा या फिर देशी कपास की बजाय अगेती नरमे की बुवाई करने पर मजबूर हुए . फिलहाल बताया जा रहा है की सिरसा की मार्केट में मगभग 1500 से 1600 बेग आए है. जिससे कुछ किसानों को राहत मिली है . बताया जा रहा है की मार्केट मे बहुत कम बेग आए है जो की आते ही किसान बिना किसी देरी किए ले गए . फिलहाल सिरसा के किसान के आर 64 की डिमांड कर रहे है .

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Best Cotton Seeds 2023 KR-64 की दूसरी सप्लाई में 4000 बेग आने की संभावना

इसकी जानकारी देते हुए निजी पेस्टिसाइड के कर्मचारी ने बताया की सिरसा मार्केट में पहली सप्लाई के आर 64 की आ चुकी है . उन्होंने बताया की मार्केट मे सिर्फ 1500 बेग ही आए है जो की किसान समय रहते ही ले गए . उन्होंने बताया की दो दिन के बाद मार्केट में दूसरी सप्लाई आने वाली है . फिलहाल अनुमान लगाया जा रहा की दूसरी सप्लाई मे लगभग 4000 के करीब बेग आने की संभावना है . मार्केट मे 4000 बेग आने से कुछ राहत मिलेगी .

अन्य कपास के बीज की किस्म

आखीर क्यों मानते है KR-64 को कपास का सबसे अच्छा बीज, क्यों बढ रही है इतनी मांग

कब तक कर सकते है Best Cotton Seeds 2023 KR-64 की बिजाई

खासकर देशी कपास की बिजाई दोमट मिट्टी व रेतीली भूमि में की जाती है . जिन किसानों के पास सिचाई का साधन कम है वो किसान ही देशी कपास की बिजाई करना चाहता है . किसानों ने देशी कपास की बुवाई मार्च के पहले सप्ताह मे ही शुरू कर दी थी . लेकिन बीज की कमी से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा. फिलहाल बताया जा रहा है की के आर 64 की बुवाई अप्रैल पहले सप्ताह तक कर सकते है .

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