PM Matsya Sampada Yojana: किसानों को मछली पालन के लिए मिल रही अच्छी सब्सिडी, आज ही भरें फार्म

PM Matsya Sampada Yojana: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023-24 का बजट पेश करते हुए घोषणा की कि सरकार पीएम मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के लिए 6,000 करोड़ रुपये आवंटित करने जा रही है। मछली पालन करने वाले किसानों को इस बजट से बड़ी राहत मिलेगी। सीतारमण ने कहा है कि पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन में कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि रियायती योजना को भी पीएम मत्स्य संपदा योजना के तहत लाया जाएगा। कृषि के क्षेत्र में हमारी सरकार का विजन स्पष्ट है, हम आने वाले समय में कृषि से जुड़े स्टार्टअप्स को प्राथमिकता देने जा रहे हैं। युवा उद्यमियों के लिए एग्री-स्टार्टअप को भी प्रोत्साहित किया जाएगा, इसके लिए हम एक कृषि त्वरण कोष भी स्थापित करने जा रहे हैं।
PMMSY: PM Matsya Sampada Yojana क्या है?
पीएम मत्स्य संपदा योजना मत्स्य क्षेत्र पर केंद्रित एक विकास योजना है, जिसे वित्तीय वर्ष 2021 से वित्तीय वर्ष 2024-25 तक सभी राज्यों में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत लागू किया जाना है। इसके तहत मछली पालने वाले मछुआरों को बीमा कवर, आर्थिक सहायता और किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। पीएमएमएसवाई का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के संसाधनों का उपयोग करके हमारे गांव की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है।
किसानों को इन पर मिल रही सब्सिडी
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजनान्तर्गत मछली चारे के लिए बृहत आहार आहार संयंत्र की स्थापना, प्रशीतित वाहन, मोबाइल मछली कियोस्क, बायोफ्लोक तालाब का निर्माण, नवीन तालाब का निर्माण, आइस प्लांट का निर्माण, मोटरसाइकिल आइस बॉक्स सहित, साइकिल आइस बॉक्स सहित, निर्माण पालना तालाब, जीवित मछली बिक्री केंद्र का निर्माण आदि।
योजनान्तर्गत हितग्राहियों को विभिन्न घटकों के लिये अनुदान दिये जाने की व्यवस्था है। अन्य श्रेणी के लिए 1.60 लाख और एससीएसटी महिला के लिए 2.40 लाख, बायोफ्लॉक तालाब निर्माण के लिए 5.60 लाख और 8.40 लाख, आइस प्लांट लगाने के लिए 16 लाख और 24 लाख, रेफ्रिजरेटेड वाहनों के लिए 10 लाख और 15 लाख है। योजनान्तर्गत अन्य संघटकों में अलग से अनुदान देने का प्रावधान है। मसोढ़ी और खुसरुपुर क्षेत्र में मछलियों के चारे के लिए मत्स्य आहार संयंत्र स्थापित किया गया है। इसकी वास्तविक क्षमता 20 टन प्रति दिन है।
भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना का संचालन किया जा रहा है, जिसके अनुसार मछली पालन के व्यवसाय में लगे लोगों के जीवन स्तर में भी सुधार होगा। क्योंकि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना के तहत एक्वाकल्चर को बढ़ाना मकसद है। जिससे जलीय व्यवसाय को भी बढ़ाया जा सकता है। और एक्वाकल्चर किसान भी बढ़ा सकते हैं।
मछली पालन के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को सरकार प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 3 लाख रुपये का ऋण उपलब्ध करा रही है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए बजट में 20,050 करोड़ रुपये का कोष बनाया गया है। इस पैसे का इस्तेमाल इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने में किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PM Matsya Sampada Yojana) के मुख्य उद्देश्य
P.M.M.S.Y. केंद्र सरकार द्वारा चलाया जाता है। यह योजना मछली पालन के क्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी योजना है। केंद्र सरकार द्वारा इस योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य देश में मछली पालन को बढ़ावा देना है। इसके तहत मछलियों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाता है। साथ ही मछली पकड़ने में लगे लोगों को जिला स्तर पर विभाग द्वारा नि:शुल्क जांच भी दी जाती है.
आपको बता दें कि देश के ज्यादातर राज्यों में मछली की डिमांड काफी ज्यादा है. ऐसे में अगर इस क्षेत्र को और विकसित करने पर ध्यान दिया जाए तो इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। पी.एम.एम.एस.वाई. योजना का मुख्य उद्देश्य मत्स्य पालन क्षेत्र को और विकसित करना है।