Reaper Subsidy 2023: गेहूं कटाई की ये मशीनों मिल रही है सब्सिडी पर, जाने कैसे करें आवेदन और कितनी मिलती है सब्सिडी

Reaper Subsidy 2023: गेहूं कटाई की ये मशीनों मिल रही है सब्सिडी पर, जाने कैसे करें आवेदन और कितनी मिलती है सब्सिडी

Reaper Subsidy 2023: देश में रबी सीजन की फसलों की कटाई शुरू हो गई है। किसान रबी फसलों के बेहतर उत्पादन के लिए त्वरित प्रबंधन गतिविधियों में भी लगे हुए हैं। जल्द ही गेहूं की कटाई भी शुरू हो जाएगी। गेहूं की कटाई में समय, लागत और प्रयास बचाने के लिए कृषि उपकरणों का उपयोग करने की सिफारिश की जाती है। आजकल सरकार कृषि में आधुनिक तरीकों को अपनाने पर जोर दे रही है ताकि फसल की उत्पादन लागत को कम कर अधिक उत्पादन का लक्ष्य हासिल किया जा सके।

किसानों को मशीनों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें इन मशीनों को खरीदने के लिए ऋण पर सब्सिडी भी प्रदान करती हैं। फसलों की कटाई में आधुनिक मशीनों का प्रयोग कर श्रम व लागत दोनों को कम किया जा सकता है तथा अच्छा मुनाफा भी कमाया जा सकता है। देश की सरकार और किसान दोनों देश में फसलों के उत्पादन में वृद्धि करना चाहते हैं ताकि देश की खाद्यान्न आपूर्ति के साथ-साथ अन्य देशों को भी निर्यात किया जा सके।

इससे किसानों के साथ-साथ सरकार को भी फायदा होगा। यह तभी संभव है जब फसल उत्पादन की लागत को कम किया जा सके। किसान भाइयों आज ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपके साथ फसल कटाई में उपयोग होने वाले आधुनिक कृषि यंत्रों से संबंधित सभी जानकारी साझा करेंगे।

कृषि यंत्रों की सहायता से कम समय में फसल की कटाई करें

फसलों की कटाई परंपरागत रूप से हैरो से की जाती है। रेक की मदद से कटाई करने में अधिक मजदूरों की आवश्यकता होती है और इसमें अधिक समय लगता है, जिसके परिणामस्वरूप अधिक मजदूरी मिलती है। हांजी से फसल काटने का खर्च बढ़ जाता है। यदि रेक के बजाय आधुनिक मशीनों की मदद से कटाई की जाए तो समय के साथ श्रम और धन की बचत की जा सकती है। आज हम आपको आज के समय में फसलों की कटाई में इस्तेमाल होने वाली टॉप 5 कृषि मशीनों की जानकारी देंगे, जिससे आपका गेहूं कटाई का काम आसान होगा और पैसे भी बचेंगे।

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1. ट्रैक्टर चलित रीपर बाइंडर मशीन Reaper Subsidy 2023:

ट्रैक्टर से चलने वाली गेहूं की कटाई व थ्रेशिंग मशीन किसानों के लिए काफी फायदेमंद है। इस मशीन से पौधों को कटर बार से काटकर बंडलों में बांध दिया जाता है और ट्रांसमिशन सिस्टम द्वारा उन्हें एक तरफ गिरा दिया जाता है। इस मशीन द्वारा कटिंग और बाइंडिंग का काम बहुत ही आसानी से किया जाता है। यही वजह है कि किसानों के बीच इस मशीन की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है।

ट्रैक्टर चालित रीपर बाइंडर मशीन का प्रदर्शन और कीमत
बाजार में इस मशीन की अनुमानित कीमत करीब 295000 रुपए है। इस मशीन से लगभग 0.40 हेक्टेयर/घंटा की दर से गेहूं की कटाई की जा सकती है और इस मशीन से कटाई की लागत लगभग 1050 रुपये प्रति घंटा आती है।

2. स्वचालित वर्टिकल कन्वेयर रीपर मशीन

स्वचालित वर्टिकल कन्वेयर रीपर मशीन छोटे और मध्यम किसानों के लिए गेहूं की कटाई के लिए उपयोगी मशीन है। इसमें आगे की तरफ कटर बार और पीछे एक ट्रांसमिशन सिस्टम है। इस रीपर मशीन में 5 हॉर्सपावर का डीजल इंजन है जो इसके पहियों और कटर बार को शक्ति देता है। गेहूं की कटाई के लिए किसान को इस मशीन के कटर बार को सामने रखकर उसके हैंडल से पकड़कर मशीन के पीछे चलना पड़ता है। कटर बार गेहूं के पौधों को काट देता है और ट्रांसमिशन सिस्टम की मदद से पौधे को लाइन में लगा दिया जाता है। इसके बाद कार्यकर्ताओं द्वारा उन्हें एकत्र किया जाता है।

स्वचालित कार्यक्षेत्र कन्वेयर रीपर मशीन का प्रदर्शन और मूल्य

इस स्वचालित ऊर्ध्वाधर कन्वेयर रीपर मशीन की कार्य क्षमता लगभग 0.21 एकड़ प्रति घंटा है। इसकी अनुमानित लागत 1 लाख रुपये है और कटाई की लागत लगभग 1100 रुपये प्रति एकड़ आती है।

3. ट्रैक्टर चालित रीपर मशीन

ट्रैक्टर से चलने वाली रीपर मशीन में स्वचालित वर्टिकल कन्वेयर रीपर मशीन के समान कटर बार और ट्रांसमिशन सिस्टम होता है, लेकिन यह मशीन ट्रैक्टर द्वारा संचालित होती है। कटर बार में पावर ट्रांसमिशन ट्रैक्टर के पीटीओ द्वारा किया जाता है। की सहायता से चलाया जाता है इसका कटर बार ऑटोमैटिक वर्टिकल कन्वेयर रीपर के कटर बार से लंबा होता है। इस मशीन से गेहूं के पौधों को कटर बार से काटकर ट्रांसमिशन सिस्टम द्वारा एक लाइन में बिछा दिया जाता है।

ट्रैक्टर चालित रीपर मशीन का प्रदर्शन और कीमत

ट्रैक्टर चालित रीपर मशीन की कार्य क्षमता 0.40 एकड़ प्रति घंटा है। इस मशीन की कीमत करीब 75000 रुपए है और इससे गेहूं की कटाई में करीब 1100 रुपए प्रति एकड़ का खर्च आता है। यह मशीन एक ऊर्ध्वाधर कन्वेयर रीपर की तुलना में संचालित करना आसान है क्योंकि यह एक ट्रैक्टर द्वारा संचालित होता है।

4. स्वचालित रीपर बाइंडर मशीन

स्वचालित रीपर बाइंडर मशीन में गेहूं की कटाई के साथ-साथ उन्हें पुलों में बांधने का कार्य होता है। एक तरह से स्वचालित रीपर बाइंडर मशीन को स्वचालित ऊर्ध्वाधर कन्वेयर रीपर का अधिक विकसित रूप कहा जा सकता है। इस मशीन में न केवल पूल में पौधों को बांधने की इकाई है। साथ ही इस मशीन में किसानों के बैठने की व्यवस्था है। यह स्वत: लंबवत कन्वेयर की तुलना में कटाई को अधिक आरामदायक बनाता है और पुलों को अलग से बांधने की आवश्यकता नहीं होती है। इस मशीन की सहायता से पौधों को पहले कटर बार से काटकर टाईइंग यूनिट द्वारा पुलों में बांधकर कटर बार और सीट के बीच खेत में गिराया जाता है। इन बंडलों को तब एकत्रित किया जाता है। इस मशीन में तीन पहिए होते हैं लेकिन वर्तमान में बाजार में चार पहिए वाली मशीन भी उपलब्ध है।

ऑटोमैटिक रीपर बाइंडर मशीन का प्रदर्शन और कीमत

इस स्वचालित रीपर बाइंडर मशीन को चलाने के लिए 10 हॉर्स पावर के डीजल इंजन का उपयोग किया जाता है। इस मशीन की कार्य क्षमता लगभग 0.35 एकड़ प्रति घंटा है। इस मशीन की अनुमानित कीमत लगभग 325000 रुपये है और कटाई की लागत 1000 रुपये प्रति घंटा है।

5. कंबाइन हार्वेस्टर मशीन

कंबाइन हार्वेस्टर मशीनों का उपयोग बड़े किसानों के लिए अत्यधिक उपयोगी है। इस मशीन की मदद से गेहूं की कटाई के साथ-साथ थ्रेसिंग का काम भी होता है और हमें साफ अनाज मिलता है। बाजार में दो तरह की कंबाइन हार्वेस्टर मशीनें उपलब्ध हैं। पहला स्वचालित है और दूसरा ट्रैक्टर चालित है। ये दोनों कंबाइन हार्वेस्टर मशीनें किसानों के लिए बहुत उपयोगी हैं। इन कंबाइन हार्वेस्टर मशीनों में आगे की तरफ 2 से 6 मीटर लंबा कटर बार होता है।

कटर बार के सामने लगे चाकू से फसल को काटता है। इसके बाद फसल को एक कन्वेयर बेल्ट के जरिए रेसिंग यूनिट तक पहुंचाया जाता है। यहां फसल के दानों को ड्रेसिंग ड्रम से रगड़कर और कंक्रीट क्लीयरेंस से अलग किया जाता है। साथ ही छलनी की मदद से अनाज को साफ किया जाता है और ब्लोअर से फ्लफ को अलग किया जाता है। कंबाइन हार्वेस्टर मशीन स्टोन ट्रैप यूनिट से लैस है, जो फसल के साथ आने वाले कंकड़, मिट्टी आदि को फसल से अलग करती है।

कंबाइन हार्वेस्टर मशीन का प्रदर्शन और कीमत

एक अच्छी कंपनी की कंबाइन हार्वेस्टर मशीन एक घंटे में 4 से 5 एकड़ फसल काट सकती है। कंबाइन हार्वेस्टर मशीन की कीमत इसकी विशेषताओं और विशिष्टताओं के अनुसार 10 लाख रुपये से 50 लाख रुपये के बीच बाजार में उपलब्ध है। इस मशीन की कीमत इसके कटर बार पर निर्भर करती है।

हार्वेस्टर पर कितनी सब्सिडी मिलती है?

किसानों के लिए कृषि यंत्र खरीदना आसान नहीं है, इसलिए केंद्र और राज्य सरकार समय-समय पर किसानों को सस्ते दामों पर रीपर मशीन उपलब्ध कराने के लिए सब्सिडी का लाभ प्रदान करती है। वैसे ये मशीनें अलग-अलग साइज में आती हैं, जिनकी कीमत बाजार में 50 हजार रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक हो सकती है। किसानों को कटाई मशीन की खरीद पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है। इस सब्सिडी योजना का लाभ लेने के लिए किसान को मशीन के डीलर से एक कोटेशन प्राप्त करना होगा, जिसे आप अपने जिले के कृषि विभाग के कार्यालय में जमा कर सकते हैं और आप सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं।

सब्सिडी के लिए आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज

यदि आप भी कृषि कटाई मशीनों पर सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी का लाभ लेना चाहते हैं तो आपको निम्नलिखित लिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।

आवेदक के आधार कार्ड की प्रति
आवेदक के जमीन के दस्तावेज
आवेदक का निवास प्रमाण पत्र
आवेदक के बैंक पासबुक की प्रति
डीलर का कोटेशन
आवेदक किसान का मोबाइल नंबर
किसान कृषि विभाग से जानकारी प्राप्त कर ई-मित्र सेवा केंद्र की सहायता से सब्सिडी के लिए ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं।

कृषि यंत्र खरीदने के लिए कहां संपर्क करें

किसान भाई विभिन्न प्रकार के आधुनिक हार्वेस्टर/मशीन खरीदने के लिए ट्रैक्टर जंक्शन से संपर्क कर सकते हैं। हमारे पास प्रतिष्ठित कंपनियों की कृषि मशीनरी/मशीनें उचित मूल्य पर उपलब्ध हैं।

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