पुरानी CNG Car को चलाएं गोबर गैस पर, क्या बदलाव होंगे, कितना आएगा खर्च, क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

पुरानी CNG Car को चलाएं गोबर गैस पर, क्या बदलाव होंगे, कितना आएगा खर्च, क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

CNG Car:  मारुति सुजुकी ने हाल ही में बायोगैस तकनीक पर काम करने की घोषणा की थी। इसके लिए सुजुकी ने केंद्र सरकार के कुछ उपक्रमों से पार्टनरशिप की भी बात कही है। कंपनी बायोगैस से सिर्फ सीएनजी कार चलाने की बात कह रही है। फिलहाल सीएनजी कारों में कुछ बदलाव किए जाएंगे और इन्हें बायोगैस से चलाया जाएगा। यह बहुत सस्ता और टिकाऊ ईंधन होगा जिसकी आपूर्ति कभी कम नहीं होगी। हालांकि, अब बड़ा सवाल यह है कि जो लोग सीएनजी कार चला रहे हैं, वे अपनी कार में यह बदलाव कर पाएंगे और इसकी कीमत कितनी होगी।

पहले भी भारत में कुछ लोगों ने स्थानीय स्तर पर बायोगैस से कार चलाने की कोशिश की है, लेकिन सफल नहीं हो पाए हैं, इसके कई कारण हैं। अब कंपनी इसके लिए बड़े बदलाव करेगी। आइए समझते हैं कि बायोगैस क्या है और इसके बारे में विशेषज्ञ क्या कहते हैं।

बायोगैस क्या है?

कचरे से उत्पन्न होने वाली गैस अर्थात खेत के कचरे, नगरपालिका के कचरे, हरे कचरे, गोबर, सीवेज के कचरे जैसी चीजों से बनने वाली गैस को बायोगैस कहते हैं। यह सूक्ष्मजीव की प्रक्रिया द्वारा बनता है। यह मुख्य रूप से तीन गैसों का मिश्रण है। इसमें मीथेन, कार्बन डाइऑक्साइड और हाइड्रोजन सल्फाइड होता है। यह एक नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन है।

क्या पुरानी CNG Car  चलेगी?

बायोगैस में नमी अधिक होती है, इसलिए पुरानी सीएनजी कार चलाने के लिए कुछ बदलाव करने पड़ते हैं। हालांकि, इस पर पुरानी सीएनजी कारें भी चलाई जा सकती हैं। और इसमें ज्यादा खर्चा भी नहीं आएगा।

क्या बदलाव होंगे?

ऑटोमोबाइल विशेषज्ञ दीपक सिंह रावल का कहना है कि बायोगैस से कार चलाने के लिए सीएनजी किट का डायफ्राम बदलना पड़ता है। बायोगैस में नमी ज्यादा होगी, इसलिए भारी डायफ्राम का इस्तेमाल करना होगा। साथ ही इसमें हीटर भी देना होगा। विशेष रूप से ठंडे क्षेत्रों में, बायोगैस कारों को स्टार्ट होने और मिसफायर होने की समस्या हो सकती है क्योंकि इसमें नमी होगी। वहीं, पेट्रोल इनलाइन में भी बदलाव होंगे। इसके लिए पेट्रोल इंजेक्टरों का डिजाइन बदलना होगा।

इसकी लागत क्या है?

इस बारे में इंजन मॉडिफायर ऋषि राज का कहना है कि बायोगैस से कार चलाने और पुरानी कार में लगाने पर ज्यादा खर्च नहीं आएगा. इसके लिए कार के सीएनजी किट में डायफ्राम, हीटर और पेट्रोल इनलाइन के साथ कंट्रोलर बदलना होगा। उन्होंने कहा कि, हालांकि फिलहाल इसका अंदाजा ही लगाया जा सकता है। हालांकि इसकी कीमत 15 से 30 हजार रुपए के बीच हो सकती है। वहीं, अगर कंपनी कोई किट मुहैया कराती है तो उसकी कीमत थोड़ी ज्यादा होगी।

माइलेज पर क्या होगा असर?

बायोगैस कार चलाना सस्ता होगा। क्‍योंकि यह गैस सस्‍ती होगी और ज्‍वलन दर अच्‍छी होने के कारण इस पर चलने वाली कारें अच्‍छा माइलेज भी देंगी। सीएनजी और बायोगैस का वजन लगभग बराबर होता है, लेकिन ज्वलन दर अधिक होने के कारण बर्बादी कम होगी और माइलेज अच्छा होगा।

क्या कार सुरक्षित है?

सीएनजी और एलपीजी कारों की तुलना में बायोगैस कारें ज्यादा सुरक्षित होंगी। नमी की मात्रा अधिक होने के कारण आग लगने का खतरा बहुत कम होगा। वहीं, इन कारों में एलपीजी कारों के साथ आने वाली गंध की समस्या नहीं होगी।

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