Milk Price: अब चाय की चुस्की पड़ेगी मंहगी, फिर से बढे दुध के रेट, अब देने होंगे इतने पैसे

Milk Price: अब चाय की चुस्की पड़ेगी मंहगी, फिर से बढे दुध के रेट, अब देने होंगे इतने पैसे

Milk Price Hike : देश में बजट के बाद महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है। इस बीच आम जनता की कमर तोड़ने एक बड़ी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि एक बार फिर दूध के दाम बढ़ा दिए गए हैं। बढ़ती महंगाई के बीच दूध की कीमतों में एक बार फिर बढ़ोतरी आम आदमी की जेब पर बड़ा प्रहार साबित हो सकता है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अमुल कंपनी ने दूध के दाम 3 रुपए बढ़ा दिए हैं। यानी अमूल दूध के लिए अब आपको ज्यादा पैसे देने होंगे। बता दें अमूल ताजा 500 ML पहले 26 रुपए था अब 27 रुपए में मिलेगा। इसके अलावा अमूल ताजा 1 लीटर 51 रुपए था अब 54 रुपए में मिलेगा। इसके साथ ही बता दें कि अमूल गोल्ड दूध के भी दाम बढ़ा दिए गए हैं।

पिछले 10 महीनों में दूध के रेट (Milk Price) 9 रुपये तक बढ़ चुके हैं. बीते कुछ महीनों में दूध की कीमत जिस तेजी से बढ़ी है, उस रफ्तार से पिछले 6-7 वर्षों में भी दूध के दाम नहीं बढ़े थे. इससे पहले दूध की कीमतों में 8 रुपये प्रति लीटर की बढ़त साल 2013 के अप्रैल और मई 2014 के बीच हुई थी. दूध के कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि अब आगे गर्मियां शुरू होने पर दूध की कीमत फिर बढ़ सकती है. गर्मियों में दूध का उत्‍पादन कम हो जाता है. इस कारण दूध कंपनियों को पशुपालकों को ज्‍यादा रेट देना पड़ता है.

Milk Price

Milk Price: अब चाय की चुस्की पड़ेगी मंहगी, फिर से बढे दुध के रेट, अब देने होंगे इतने पैसे

साल 2022 में देश की राजधानी दिल्ली में अमूल फुल-क्रीम दूध (Amul Milk Price) का दाम 58 से 64 रुपये प्रति लीटर तक हो गया. वहीं मदर डेयरी (Mother Dairy) का दाम 5 मार्च से 27 दिसंबर 2022 के बीच 57 रुपये से बढ़कर 66 रुपये प्रति लीटर हो गया. टोंड के दाम 6 रुपए प्रति लीटर तक बढ़े हैं. खास बात यह है कि पिछले आठ वर्षों में ही दूध की कीमत केवल 10 रुपए लीटर की ही बढ़ोतरी हुई थी. लेकिन, 10 महीनों में ही दूध का दाम 9 रुपये प्रति लीटर बढ़ गए.

क्‍यों बढ़ रहे हैं दूध के दाम (Milk Price)?

दूध के दाम दो कारणों से ज्‍यादा बढ़ रहे हैं. पशु चारे और पशु आहार की कीमतों में साल 2022 में बहुत ज्‍यादा वृद्धि हुई. दूसरा, कोरोना के दौर में दूध न बिकने पर पशुपालकों ने अपने पशुओं की संख्‍या कम कर ली. रही-सही कसर दूधारू पशुओं में देश के कई राज्‍यों में आई लंपी स्किन बीमारी ने पूरी कर दी. इस बीमारी से हजारों की संख्‍या में गायों की मौत हुई. इससे दूध का उत्‍पादन गिर गया. साल 2021 के आखिर में जैसे ही लॉकडाउन खुला वैसे ही सप्लाई के मुकाबले डिमांड में काफी तेजी आ गई. मांग में तेजी और कम दूध उत्‍पादन से कीमतें बढ़ गईं.

20 फीसदी बढ़े पशु आहार के दाम

साल 2021 के मुकाबले साल 2022 में पशु आहार की लागत में 20 फीसदी की वृद्धि हो गई. खल, बिनौला, चूरी और फीड के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. यही नहीं सूखे और हरे चारे की कीमतों में भी भारी इजाफा हुआ है. हरियाणा में इस समय गेहूं का भूसा 900 रुपये क्विंटल बिक रहा है तो राजस्‍थान में इसका भाव 1600 रुपये से ऊपर पहुंच गया है. देश के कई हिस्सों में भारी बारिश के कारण हरे चारे को भी भारी नुकसान हुआ है. हरा चारा कम होने का असर दूग्‍ध उत्‍पादन पर पड़ा है.

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