अब नकली नोटों पर लगेगा फुल स्टॉप, RBI ने लागू किया नया नियम

कॉइन वेंडिंग मशीन (Coin Vending Machine) : उम्मीद की जा रही है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नए नियम के लागू होने के बाद नकली नोट चलन से बाहर हो जाएंगे। उम्मीद है कि निकट भविष्य में इसे पूरी तरह से हटा दिया जाएगा।
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर टी रविशंकर ने कहा कि सिक्का डिस्पेंसर में नकली नोट डाले जाने के मामलों को देखते हुए यूपीआई आधारित विकल्प को अपनाने का फैसला किया गया है. उन्होंने कहा कि दिक्कत यह है कि इन मशीनों में डाले जा रहे रुपये कई मामलों में नकली निकले। इसलिए यह एक मुद्दा बन गया।’
नई प्रणाली से सिक्कों के वितरण में सुधार होगा RBI
शंकर ने कहा कि इसे देखते हुए आरबीआई दूसरे विकल्प पर विचार कर रहा है। बहुत से लोग मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं, जिसके जरिए क्यूआर कोड को ‘स्कैन’ किया जा सकता है, जिसे यूपीआई से जोड़ा जा सकता है। इसके जरिए वेंडिंग मशीन से रुपये का फिजिकल इस्तेमाल किए बिना सिक्के निकाले जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश में मशीनें विकसित हो चुकी हैं। इस नई प्रणाली से सिक्कों के वितरण में सुधार होगा।
RBI खाते से पैसे काटकर सिक्के उपलब्ध कराएगा
इससे पहले आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने ‘क्यूआर’ कोड आधारित ‘कॉइन वेंडिंग मशीन’ (क्यूसीवीएम) के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया था। आरबीआई 12 शहरों में क्यूआर कोड आधारित कॉइन डिस्पेंसर के साथ एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करेगा। ये वेंडिंग मशीनें यूपीआई का इस्तेमाल कर बैंक ग्राहकों के खाते से पैसे काटकर सिक्के प्रदान करेंगी। वर्तमान में उपलब्ध मशीनों में बैंकनोट डालकर सिक्के निकाले जाते हैं।
सत्यापन की आवश्यकता नहीं होगी
दास ने कहा, ‘कैश कॉइन वेंडिंग मशीन में फिजिकल रूप से रुपए डालने और उसे वेरिफाई करने की जरूरत नहीं होगी।’ प्रारंभ में, पायलट परियोजना को 12 शहरों में 19 स्थानों पर शुरू करने की योजना है। ये मशीनें रेलवे स्टेशनों, शॉपिंग मॉल, बाजारों में लगाई जाएंगी। शंकर ने कहा कि आरबीआई एक अजीब समस्या का सामना कर रहा है। एक ओर तो सिक्कों की आपूर्ति बहुत अधिक है और इसे रखने के लिए अधिक स्थान की आवश्यकता होती है। साथ ही उसका वितरण भी ठीक से नहीं होता है